Rss geet | एकालगीत पावन हिन्दू साम्राज्य दिवस | Pavan Hindu Samrajy Divas

Published: 10 June 2022
on channel: dp library
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पावन हिन्दू साम्राज्य दिवस, पावन हिन्दू साम्राज्य दिवस।
स्वातंत्र्य साध के ओ प्रतीक, ओ विजय-गान के भाग्य दिवस॥

खण्डित कर यवनों का शासन, खण्डित कर पापी सिंहासन
भारत की करने एक -सूत्र, गो-ब्राह्मण का करने पालन
गरजा शिव सरजा का साहस, पावन हिन्दू साम्राज्य दिवस ॥१॥

शिवराज छत्रपति के पीछे, भारत की तरुणाई जागी।
इस अरुण -ध्वजा के नीचे आ, वीरों की अरुणाई जागी।
जागा था हिन्दू तज आलस, पावन हिन्दू साम्राज्य दिवस ॥२॥

शत्रु के सिर कट मुकुट छेद, दुर्दम्य भवानी दमक उठी।
रिपुदमन पराक्रम दिखलाकर, स्वातंत्र्य-मूर्ति थी चमक उठी।
मस्तक नत हो जाता बरबस, पावन हिन्दू साम्राज्य दिवस॥३॥

उसका हर पावन नाम स्मरण, पुलकित होता तन का कण-कण।
भुजदण्ड फड़क उठते क्षण-क्षण, कर याद शिवा का अद्भुत रण।
बिजली सी भरती है नस-नस, पावन हिन्दू साम्राज्य दिवस॥४॥